गुरुवार, 10 मई 2012

सौर तंत्र


सौर तंत्र
            मग ब्राह्मण अपने को सूर्य से उत्पन्न मानते हैं। सूर्योपासना की विधि के लिये ही सांब ने उन्हें शाकद्वीप से जंबुद्वीप में लाया और वे यहाँ आकर बस गये। इस कथा को तो लगभग सभी जानते हैं परंतु वह विद्या क्या थी, जिसके लिये उन्हें यहां लाया गया, उसी मूल बात को लोग भूल गये हैं।
            तांत्रिक होने का दावा तों कई लोग करते हैं किंतु मग अगर सूय्र तंत्र या सौर तंत्र के जानकार न हों तो बात बनती नहीं हैं। दूसरे लोग तो मगों को सोर तंत्र का विशेषज्ञ होने की बात कह कर और सौर तंत्र की व्याख्या की जिम्मेवारी मगों पर डाल कर काम चला सकते हैं परंतु मग ब्राह्मणों को तो इसकी जानकारी देने ही होगी।
            बिहार में बिहार योग विद्यालय मुंगेर योग एवं तंत्र साधना का अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ख्याति प्राप्त संस्था है। इसके वर्तमान पीठाधीश्वर स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने सौर तंत्र पर दिनांक 4 मई से चल रहे संत्संग में सौर तंत्र पर जानकारी देते हुए स्वीकार किया कि भारत में सांब के समय से मग ब्राह्मणों ने सूर्योपासना को भारत में प्रचलित किया।
            ऐसा सुनने में तो बहुत अच्छा लगता है कि लोग सम्मान का भाव रखते हैं लेकिन बात इससे बनने वाली नहीं है। मग ब्राह्मणों में से जो जानकार लोग हैं उन्हें इस चुनौती का सामना करते हुए सौर तंत्र पर विस्तृत प्रकाश डालना चाहिये साथ ही कुछ लोगों को इस दिशा में आगे आकर विद्या भी सीखनी चाहिये।
            अभी जो लोग अपने को तंत्र का जानकार होने का दावा करते हैं वे भी अपने को प्रायः शैव या शाक्त परंपरा का ही अनुयायी मानते हैं। कुछ लोग तो प्रायः निषिद्ध माने जानेवाले षट्कर्म - मारण, मोहन, उच्चाटन वशीकरण आदि का ही विशेषज्ञ घोषित कर धनोपार्जन में लगे रहते हैं। सौर तंत्र के स्थान पर शैव या शाक्त तंत्र को अपनाने की बात कोई नई नहीं है। आखिर ऐसा क्यों हुआ? इस बात की भी पड़ताल जरूरी है।
            मैं इस गुत्थी को समझने में पिछले 20 वर्षों से लगा हुआ हूं। घीरे-धीरे कुछ बाते समण् में आ रही हैं। मैं उन्हें सामने ला रहा हूं। आप सभी मग ब्राह्मणों में से जो सौर तंत्र के जानकार लोग हैं उन्हें भी यह काम अपने स्तर से करना चाहिये।
            इस पोस्ट से यह काम शुरू हो रहा है। आगे क्रमशः जानकारियां दी जायेंगी।
मुख्य विषय होंगे-
1          मग ब्राह्मणों में कितने अभी भी सौर हैं। उन्हें कैसे पहचानें?
2          सौर तंत्र का मतलब?
3          सौर तंत्र और अन्य तंत्र में मुख्य अंतर
4          सौर तंत्र की मुख्य पुस्तकें
5          सौर तंत्र का अंतर्भाव करने का चक्कर
6          बिहार के असली-नकली सूर्य मंदिर (वास्तु के अनुसार)
7          समयाचार एवं स्मार्त पंरपरा में सौर तंत्र का समावेश
8          सौर तंत्र साधना की आंतरिक एवं बाह्य प्रक्रियाएँ

कृपया अपनी जानकारी एवं सुझाव से अवश्य मदद करें।
अगला पोस्ट होगा-

मग ब्राह्मणों में कितने अभी भी सौर हैं। उन्हें कैसे पहचानें?