सोमवार, 24 दिसंबर 2012

23 तारीख को आयोजित शाकद्वीपीय परिवार मिलन समारोह अपने आप में एक अनूठी
बात समाए था क्योंकि इसका कोई अध्यक्षीय केन्द्रबिन्दु नहीं था, कोई सभा
नहीं थी जो केन्द्रस्थ संचालित हो । बस लोग आते गए जुड़ते गए और एक सूत्र
में बंधते चले गए । बीतते हुई घड़ी के साथ परिवार का दायरा बढ़ता गया ।
लोग एक दुसरे से मिले, पुराने संबंध नवीनिकृत हुए, नए संबंध बने और अंतिम
क्षणों तक एक एकीकृत
 परिवार के रूप में एकदूसरे को विदाई दी ।
यह परिकल्पना डॉ श्री रवीन्द्र पाठक की थी जिसमें उन्होंने सोचा था कि
भाषण और वायदे हवा में विलीन होने वाली चीजें हैं और पूर्णतः अव्यवहारिक
सी है ।  व्यवहारिकता तो यही है कि हम एक दूसरे के करीब आएँ और हृदय के
तार जुड़ें तभी परिवर्तन संभव है ।   इसी सिद्धांत के व्यवहारिकरण की एक
कड़ी के रूप में यह परिवार मिलन समारोह सम्पन्न हुआ ।
महिलाओं और बच्चों की अभिन्न सहभागिता के कारण समारोह की सार्थकता बहुगुणित हो गई ।
इन सबके बीच भोजन और गीत-संगीत का दौर भी चलता रहा लोग तृप्ति और आनंद
में डूबते-उतराते रहे ।


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सोमवार, 10 दिसंबर 2012

भगवान श्री स्वामिनारायण का प्रमाणिक इतिहास जानने में मदद करें


भगवान श्री स्वामिनारायण का प्रमाणिक इतिहास जानने में मदद करें
मित्रों,
भगवान श्री स्वामिनारायण संप्रदाय भारत के धनी संप्रदायों में से एक है एवं उनका मंदिर भी बहुत विशाल होता है। एक प्रकाशित विवरण के अनुसार वे शाकद्वीपी ब्राह्मण थे। पूरी जानकारी मगबंधु (अखिल) नामक पत्रिका में प्रकाशित है। यह पत्रिका रांची के श्री डॉ. सुधांशु शेखर मिश्र के द्वारा प्रकाशित की जाती है। इसी पत्रिका के अंक-11, वर्ष -5 में यह आलेख प्रकाशित है । उसकी स्कैंड कापी मेरे ब्लाग magasamskriti.blogspot.comपर उपलब्ध है।
इसके अनुसार दिये गये विवरण में भगवान श्री स्वामिनारायण का जन्म ‘‘अयोध्या से 14 कीलोमीटर की दूरी पर छपिया नामक एक छोटा सा गांव है। यहां शाकद्वीपी परिवार के हरिप्रसाद पाण्डेय ...........उर्फ धर्मदेव पाण्डेय, पत्नी ...... भक्ति देवी के घर 2 अप्रैल सन् 1781 (चैत्र शुक्ल नवमी सं.1837) की रात्रि 10 बजकर 10 मिनट पर ...............दिव्य बालक का जन्म हुआ।’’
अयोध्या के आपास के मग लोग आसानी से इस बात को पता कर बता सकते हैं कि उनका गोत्र एवं पुर क्या था? उस गांव में मग ब्राह्मण हैं भी या नहीं? या कहीं यह मामला भी अमर शहीद मंगल पाण्डेय के इतिहास की तरह उलटा ही न निकल जाय। कृपया इस अति महत्त्वपूर्ण जानकारी को पक्का करने में मदद करें। ravindrakumarpathak@gmail.com