गुरुवार, 17 अक्तूबर 2013

पं श्री चेतन भाई भोजक जी : एक दुर्लभ व्यक्ति

पं श्री चेतन भाई भोजक जी : एक दुर्लभ व्यक्ति
             आयुर्वेद और ज्योतिष के साथ तंत्र विद्या के गुणी लोगों की चर्चा तो प्रायः होती ही है। इनके अतिरिक्त अन्य विद्याओं में भी पारंगत अनेक लोग अपने समाज में हैं। इनका भी सम्मान होना चाहिये। इनके सम्मान का एक सहज तरीका निजी स्तर पर उनका समर्थन और अवसर आने पर आदर करना होता है। सभा सम्मेलन वाला आदर भी जरूरी है। ऐसे ही गुणी लोगों में एक हैं श्री चेतन भाई भोजक ।
          दुबारा अहमदाबाद के श्री हेमचन्द्राचार्य संस्कृत पाठशाला में गया, पूर्णतः मनोरंजनार्थ लेकिन वहां एक दुर्लभ व्यक्ति भी मिल गये। ये हैं- पं श्री चेतन भाई भोजक जी। पं श्री चेतन भाई भोजक जी हस्तलेख विद्या के आचार्य हैं। इन्हें यह विद्या इन्हें बिरासत में मिली है। श्री चेतन भाई स्वयं 1000 वर्ष तक पुराने हस्तलेख पढ़ सकते हैं चाहे वे कागज पर लिखे हों या तालपत्र, धातु की पट्टी या शिला खंड पर। इनके दादाजी इस परंपरागत विद्या के वरिष्ठतम आचार्यों में हैं। चेतन भाई राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन जैसे राष्ट्रीय स्तर के संगठनों के साथ स्थानीय संस्थाओं को भी मार्गदर्शन करते हैं। आज मुलाकात के समय वे ‘‘हरताल’’ नामक विषैले खनिज से पीली रोशनाई बना रहे थे।
         मूलतः भीनमाल राजस्थान के रहने वाले इनके पूर्वज उ.गुजरात के पाटण नगर में आ कर बस गये। इनके परिवार का जैन लोगों के साथ पारंपरिक रिश्ता है। इसीलिये श्री हेमचन्द्राचार्य संस्कृत पाठशाला के संस्कृत /प्राकृत ग्रथों के भंडारण लिपिकरण का काम करा रहे हैं।
शाकद्वीपी ब्राह्मणों के संगठनों को ऐसे दुर्लभ व्यक्तियों का सम्मान करना चाहिये।
                                  चेतन भाई का पता है- आई-5 सुदर्शन अपार्टमेंट गणेश विद्यालय के पास राणीप, अहमदाबाद मो-09824450173 । इमेल chetanbhojak@gmail.com