सोमवार, 16 फ़रवरी 2015

सूर्य उपासना/ मग इतिहास में महाश्वेता प्रसंग

सूर्य उपासना/ मग इतिहास में महाश्वेता प्रसंग
मेरे अंदाज से अनेक लोग इस बात से लगभग अपरिचित होंगे। प्रख्यात सूर्य मंदिरों का अध्ययन करते समय पुराविद् कनिंघम और उनके पंडित सहयोगी पं. हर प्रसाद शास्त्री को भी यह बात समझ में नहीं आई थी। अपने रिर्पोअ में तो वे महाश्वेता की प्रतिमा को पहवान भी नहीं सके थे। यह बात देव वरुणार्क रिपोर्ट में दर्ज है।
मैं ने पुरातत्त्व का अध्ययन उलटे क्रम से शुरु किया क्योंकि अ्रग्रेजी में लिखित सैकड़ों पृष्ठों की जगह संस्कृत पढ़ना मेरे लिये आसान था। जब मैं ने मूर्ति शास्त्र के ग्रथ पढ़े तब भी समझ साफ नहीं हुई लेकिन जैसे ही सांब पुराण पढ़ा बात साफ हो गई कि ‘‘श्री महाश्वेतयों स्थानं पुरस्तादंशुमालिनः’’। मैं ने 1980 के आसपास तक जीवित आरा, पटना, बनारस, इलाहाबाद और गया के तत्कालीन अनेक विख्यात पंडितों से संपर्क कर महाश्वेता के बारे में जानने का प्रयास किया लेकिन कोई उत्तर नहीं पा सका और आज भी मेरी जिज्ञासा वैसी ही है। 
पहले नेट पर इतनी सामग्री आसानी से नहीं मिलती थी न ही चर्चा हो पाती थी। पुस्तकालय और विद्वान ही सहारा थे।
महाश्वेता कोई सामान्य व्यक्ति नहीं हैं। उनके नाम का आकर्षण बहुत अधिक है। मगध के सबसे संस्कृत महाकवि बाणभट्ट की कादंबरी कथा की नायिका महाश्वेता हैं। पं. हजारी प्रसाद द्विवेदी के प्रसिद्ध उपन्यास की नायिेका भी महाश्वेता है। प्रसिद्ध बांग्ला लेखिका महाश्वेता देवी आज भी एक हस्ती हैं।
मुझे आज तक समझ में नहीं आया कि महायवेता की प्रतिमा का सूर्य मंदिरों में ठीक सूर्य के सामने प्रतिमा लगाने का क्यों प्रावधान है। पुराने देवता को हटा कर परिवर्तित सूर्य मंदिरों पर यह बात लागू नहीं होती। इतना ही नहीं चाहे सौर यज्ञ हो, दीक्षा हो या रथ यात्रा का प्रावधान हो महाश्वमता की भी पूजा होगी और दनके मंत्रों का जप भी होगा। यह प्रावधान सांब पुराण के अध्याय सं. -30, 32, 38 तथा भविष्य पुराण के ब्राह्मपर्व, अध्याय सं.- 92 एवं अन्यत्र भी आप देख सकते हैं। 
इस संदर्भ में कोई भी च्यक्ति स्वयं या किसी अन्य विद्वान के माध्यम से कुछ जानकारी देंगे तो उनकी बड़ी कृपा होगी। मैं उसे उन्हें स्रोत मान कर उल्लेख करूंगा। सहयोग की आशा के साथ।

1 टिप्पणी:

Anshu mishra ने कहा…

महोदय हमने भी कई विद्वान से पूछे तब पता चला की देवी महाश्वेता ही भुनेश्वरी है