मैं आज नेट पर मनमौजी खोज में था। सोचा क्यों न अपने ही बारे में खोजा जाय? क्या सच में केवल नाम से भी किसी के बारे में कुछ जाना जा सकता है? यह जान कर अच्छा लगा कि मग संस्कृति ब्लाग को दूसरे ने भी उद्धृत किया है। धन्यवाद गीता जी।
पठन संख्या 13033 पहुंच गई लेकिन टिप्पणियां लगभग शून्य, सुझाव भी लगभग शून्य, लगता है जैसे कोई भारी भूल हुई है। कोई बताने की कृपा करेंगे?
link hai- http://geetapande.blogspot.in/2012/12/maga-brahmin-overview.html
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें