मग-मित्र-मंडल, बिहार
मग समाज
में व्याप्त उदासीनता, पराभव, पिछड़ेपन, अपनी पहचान एवं
संस्कृति से दूर जाने की पीड़ा कुछ प्रबल जातियों द्वारा अपमान एवं उपहास की पीड़ा
तथा नई परिस्थितियों से बेहतर सामंजस्य बनाने की दृष्टि से योग, तंत्र, अनुष्ठान की गूढ़
विधियों को समाज स्वीकृत सरल तरीके से प्रायोगिक स्तर पर सिखाने के लिये इन
विद्याओं के विविध पक्षों के जानकार एवं संवेदनशील मित्रों ने एक अभियान का आरंभ
ग्राम नदहरि, जिला पटना
से आरंभ किया है। इस अभियान का नाम ज्ञानामृत रखा गया है। इसका संयोजन एवं संचालन
मग-मित्र-मंडल, बिहार कर
रहा है।
प्रथम चरण
में - प्रतिभा, धृति, स्मृति, सुसंस्कार, सुख एवं ओज की
नित्य अभिवृद्धि हेतु अपेक्षित एवं सफल सनातन धर्मीय नित्य कर्म, योग-जप, व्रत-अनुष्ठान आदि
का प्रायोगिक प्रशिक्षण कार्तिक कृष्ण पंचमी, संवत् 2069, तदनुसार दिनांक 4 नवंबर 2012 से कार्तिक कृष्ण एकादशी, संवत् 2069, तदनुसार दिनांक 10 नवंबर 2012 तक ग्राम- नदहरि, जिला-पटना में
आयोजित सप्त दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में दिया गया। इस आवासीय शिविर में 10 से 45 साल तक के लगभग 20 प्रतिभागियों ने
भाग लिया। इसमें निम्नलिखित विषयों का सैद्धांतिक ज्ञान के साथ मुख्यतः प्रायोगिक
अभ्यास कराया गया-
1 स्वर
परीक्षा एवं नाड़ी-शोधन (बुद्धि की वृद्धि तथा बेहतर होश/चेतना, उत्साह की प्राप्ति
हेतु)
2 संध्या एवं
गायत्री, स्थूल से
सूक्ष्म की ओर जाने का द्वार
3 साष्टांग
सूर्य नमस्कार एवं उसके पूर्व किये जाने वाले पवनमुक्तासन, शरीर को लचीला तथा
ओजस्वी बनाना
4 बच्चों के
लिये उपयोगी आसन एवं प्रणव का अभ्यास, उन्हें शांत करना एवं उनका आलस्य दूर करना
5 यज्ञोपवीत, उसकी विविधता, निर्माण विधि तथा
उसके उपयोग के रहस्य सूत्र
6 ज्योतिष
संबंधी मूल बातें
7 प्रत्याहार-योगनिद्रा
का अभ्यास, तनाव मुक्ति
8 सनातन
परंपरा का स्मार्त धर्म, धर्मशास्त्र, उनकी विविधता एवं
एकता के सूत्र, लोक मंगल
में हमारी भूमिका
प्रशिक्षक
आचार्य
सर्व श्री
आचार्य 1 डॉ.
रवीन्द्र कुमार पाठक, ग्राम-पोस्ट
अंधारी, जिला-
भोजपुर, 2 डॉ. पतंजलि मिश्र, बांसाटांड़, पोस्ट केयाल, जिला अरवल, 3 चितरंजन
पाण्डेय, ग्राम- देव
चंदा (वरुणार्क), जिला
भोजपुर, 4 बाल
मुकुंद मणि मिश्र, ग्राम-
मेरा, जिला-पटना, 5 रमाशंकर
पाठक, ग्राम -
किंजर, जिला -
अरवल ।
इस अवसर पर
स्थानीय एवं कई बाहरी अतिथि भी आये और उन्होंने अपने समर्थन से हमारा उत्साह
बढ़ाया। श्री रवीन्द्र नाथ मिश्र, ग्राम नयनसुख बिगहा, जिला अरवल भी कुछ समय के लिये आये एवं श्री कृष्ण बल्लभ
शर्मा योगीराज, मुस्तफापुर, खगौल, पटना समापन, प्रमाणपत्र वितरण
के समय पधारे और स्वास्थ्य सफाई के साथ कुछ आसनों के महत्त्व को बताया तथा
प्रयोगिक रूप से करके बताया। आयोजन का व्यय भार सम्मिलित रूप से उठाया गया। श्री
शशिभूषण मिश्र,
9097033573 स्थानीय संयोजक रहे।
यह
कार्यक्रम पूर्णतः घोषित रूप से बहुसंख्यक, अनंत प्रकार की श्रद्धा वाले सनातनी समाज के लिये हो रहा
है अतः किसी भी नये संप्रदाय या व्यक्ति आधारित निष्कर्ष या नये विचार को धर्म एवं
आदर्श समाज व्यवस्था के रूप में लोगों को इस आयोजन के माध्यम से पहुचाने में हम
असमर्थ हैं क्योंकि आयोजकों एवं प्रशिक्षकों में से कोई भी अपने को इतना परिपूर्ण
नहीं मानता कि किसी के परिपूर्ण एवं अंतिम निष्कर्ष को दोचार मिनट में जांच परख कर
स्वीकार कर ले। हम सभी लोग कम ज्ञान वाले लोग हैं। श्री योगीराज या ऐसे महान लोगों
को हमें समझाने की सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक परीक्षा की चुनौती को स्वीकार करना
होगा, फिर तो सिर
आंखों पर। उसके बावजूद, हम तो
विश्वबंधुत्व की जगह जातीय आत्मीयता के प्रति कुछ अधिक ही पक्षपाती हैं, इसलिये भी हमारी
पात्रता वैसी नहीं है, न हमारे
पास अंतर्राष्ट्रीय संपर्क और साधन हैं, अतः ऐसे धनी, ज्ञानी और योगी हमें क्षमा करें। हम देहात के लोग फेसबुक
का उपयोग क्या करें, हम तो अभी
अपनों के चेहरों की रौनक ही नहीं वापस ला सके हैं।
निवेदक- सदस्यगण- डॉ. रवीन्द्र कुमार पाठक 9431476562 श्री श्याम नंदन मिश्र 9934019880
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें