सोमवार, 11 अप्रैल 2011

मगों की तांत्रिक संस्कृति को समझने के पूर्व

मगों की तांत्रिक संस्कृति को समझने के पूर्वमग संस्कृति को समझने के पूर्व आपके दिलोदिमाग में निम्न रूप से लचीलापन का होना जरूरी है -
मग संस्कृति तांत्रिक परंपरा की वाहिका रही है। अतः जैसे तंत्र के प्रति आकर्षण एवं विकर्षण दोनों रहता है वैसे ही मगों के प्रति भी आकर्षण (तंत्र का लाभ उठाने के लिए) और विकर्षण (अति रहस्यवाद एवं पाखंड में धोखा खाने एवं रहस्यविद्या के अल्पज्ञान के कारण) भी प्रबल रहा है। बंगाल, मिथिला एवं अन्य तंत्र परंपरा वाले ब्राह्मण मगों के प्रति ईर्ष्यालु रहे किंतु उड़ीसा के साथ मैत्री संबंध रहा। आज उड़ीसा में भी विरोध हो गया है।
शाकद्वीपी/मग नाम सुनते ही ज्योतिष एंव तंत्र की बात करनेवाला गैर मग व्यक्ति डर जाता है कि यह तो गूढ रहस्य वाले कुल का है क्योंकि अधिकांश अन्य लोग वास्तविक तंत्र साधना न पहले जानते थे न आज जानते हैं। जानकार लोगों के बीच मगों के प्रति आज भी प्रेम एवं आदर दोनों उपलब्ध हैं। दुर्भाग्य से रहस्यविद् होने की जगह तंत्र की दुकान चलाने वाले अनेक लोग ......
पूरी सामग्री पढ़ने के लिये तंत्र रहस्य वाले पेज में जायं।

कोई टिप्पणी नहीं: