मंगलवार, 12 अप्रैल 2011

डाकिनी एवं नाड़ी विद्या

डाकिनी एवं नाड़ी विद्या
मगों का आयुर्वेदज्ञ होना और तांत्रिक होना दोनो बातें प्रख्यात हैं। इसी तरह यह भी माना जाता है कि नाडी विद्या आयुर्वेद में मगों का मूल योगदान है। डाकिनी और डायन तो अपने ही बदनाम है। जरा सच तो जानिए कि दुकानदारी, मूर्खता और कमजोर औरतों को सताने के लिये भारत में क्या क्या उपाय किये गये। ऐसा वातावरण बनाया गया कि डर के मारे कोई अपने को योग्य व्यक्ति घोषित ही नहीं कर सके, चाहे वह औरत हो या मर्द।
सुनने में ये दोनों शब्द रहस्यात्मक लगते हैं। डाकिनी शब्द तो रहस्यात्मक है ही नाड़ी शब्द भी कम रहस्यात्मक नहीं है। योग, तंत्र आयुर्वेद सभी जगह नाड़ी शब्द का प्रयोग होता है। वहाँ भी इनका अर्थ पूर्ण स्पष्ट नहीं है। योग एवं तंत्र में सुषुम्ना आदि अति सूक्ष्म एवं केवल अनुभवात्मक हैं.....................
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